Sunday 11 September 2022

17 सितंबर: तेलंगाना का ‘रशोमोन’ आंदोलन,


           जापानी निर्देशक अकीरा कुरोसावा की प्रसिद्ध फिल्म ‘रशोमोन’ की तरह हैदराबाद रियासत के वर्ष 1948 में भारतीय संघ में शामिल होने के दिन 17 सितंबर की तेलंगाना में अलग-अलग पार्टियों द्वारा अलग-अलग व्याख्या की गई है।


भाजपा के लिए यह ‘तेलंगाना मुक्ति दिवस’ है, जबकि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने इस साल इस दिन को ‘तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।


भाकपा 17 सितंबर को वामपंथियों के नेतृत्व में ‘तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष’ की सफल परिणति के रूप में मनाती है। भाकपा का कहना है कि इसने निजाम को हैदराबाद राज्य को भारतीय संघ में विलय करने के लिए मजबूर किया।


केंद्र ने हाल ही में हैदराबाद रियासत के मुक्त होने के 75 साल पूरे होने के अवसर पर सालभर चलने वाले समारोहों का आयोजन करने का निर्णय लिया है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 17 सितंबर को हैदराबाद में उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।


निजाम शासन के अधीन रहे हैदराबाद राज्य का 17 सितंबर, 1948 को पुलिस कार्रवाई के बाद भारत संघ में विलय हो गया था। इस कार्रवाई का कोड नाम था ‘ऑपरेशन पोलो’।


तत्कालीन हैदराबाद राज्य में तेलंगाना के अलावा वर्तमान महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्से शामिल थे।


भाजपा कई वर्षों से मांग कर रही है कि राज्य सरकार इस दिन को आधिकारिक रूप से मनाए।


भगवा पार्टी ने बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक की सरकारें उन जिलों में इस दिन को मनाती हैं, जो निजाम राज्य का हिस्सा थे।


भाजपा प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने ’पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब भारत को आजादी मिली, तो ऐसा क्यों है कि हैदराबाद के निजाम भारतीय संघ में शामिल नहीं हुए, जबकि अन्य सभी रियासतों ने विलय को स्वीकार किया।’’


उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से एक 'मुक्ति' है, क्योंकि हैदराबाद रियासत में सेना को उतरना पड़ा था।


मुनुगोड़े में पिछले महीने एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया था कि टीआरएस सरकार 17 सितंबर को मुक्ति दिवस के रूप में नहीं मना रही है जैसा कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले एआईएमआईएम के ‘डर’ के कारण वादा किया गया था।


ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने तीन सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा था कि इस दिवस के लिए मुक्ति की बजाय ‘राष्ट्र एकता दिवस’ वाक्यांश का इस्तेमाल किया जाए।


भाकपा के राज्य सचिव कुनामनेनी संबाशिव राव ने आरोप लगाया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस घटना को ‘एक मुस्लिम शासक से मुक्ति’ के रूप में वर्णित करके सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 17 सितंबर को ‘विलय दिवस’ के रूप में याद किया जाना चाहिए।

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