Monday, 31 March 2014

चुनावी परिदृश्य पलामू संसदीय क्षेत्र के

                     (एसके सहाय)
   झारखण्ड के उग्रवाद प्रभावित पलामू लोक सभा के चुनाव भले ही देश में १६ वीं स्वरूप में रेखांकित हो, मगर इस क्षेत्र के लिये यह चुनाव १७ वीं के तौर पर अभिलेखित होगा | यह इसलिए कि सामान्य आम चुनावों के मध्य इस सीट पर एक उप चुनाव भी हुआ है ,जो सामान्य चुनावी स्थिति से अलग है |
   उस उप चुनाव की की नौबत इस वजह से उत्पन्न हुई थी कि राजद के लोक सभा सदस्य मनोज कुमार भुइयां भ्रष्टाचार के जुर्म में निम्न सदन से निष्काषित कर दिए गए थे | भुइयां पर 'सवाल पूछने के एवज में धन' लेने के अभियोग थे ,जिसे जांचोपरांत सही पाए गए थे और तत्कालीन लोक सभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने इनको सदन से बहिष्कृत करते हुए अयोग्य घोषित कर दिया था |
  वैसे, एक बार फिर भुइयां ,राजद के टिकट पर चुनाव जितने के जद्दोजहद कर रहे हैं | इनका मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी विष्णु दयाल राम और झाविमो (प्रजातान्त्रिक) के उम्मीदवार घुरन राम से है | घुरन राम ,वही हैं ,जिन्होंने २००७ के उपचुनाव में राजद के बैनर तले पार्टी के जीत का परचम फहराने में में कामयाब हो गए थे | बदलते दौर में अब , वह झाविमो के टिकट पर पुन: भाग्य आजमाने मैदान में उतरे हैं |
   देश - विदेश में अपने सूखे ,पिछडेपन और उग्रवाद को लेकर चर्चित पलामू में अबतक हुए चुनावों में कांग्रेस छ दफे , भाजपा चार , राजद दो और बाकी दलों के एक -एक प्रत्याशी सफल हुए हैं ,जिसमे स्वतंत्र पार्टी , जनता पार्टी , जनता दल और झामुमो के उम्मीदवार चुनाव जीते हैं |
    अभिलेखित रूप में दर्ज सूचना के अनुसार १९५२-१९५७ में कांग्रेस के गजेन्द्र प्रसाद सिन्हा (पन्ना बाबू) , १९६२ में स्वतंत्र पार्टी के शशांक मंजरी देवी , १९६७ -१९९७१ में कांग्रेस की कमला कुमारी , १९७७ में जनता पार्टी के रामदेनी राम , १९८० -१९८५ में पुन: कांग्रेस के कमला कुमारी ,१९८९ में जनता दल से जोरावर राम ,१९९१ में भाजपा के रामदेव राम , १९९६-१९९८-१९९९ में भाजपा के ही ब्रजमोहन राम ,२००७ में राजद के मनोज कुमार भुइयां , २००७ के उप चुनाव राजद के ही घुरन राम और २००९ में झामुमो के कामेश्वर बैठा अकस्मात पलामू संसदीय क्षेत्र से लोक सभा के लिये निर्वाचित हो गए | अकस्मात इसलिए कि इनकी पृष्ठभूमि भूमिगत संगठनों से जुडी थी और जितने पर इनको पहली 'माओवादी' सांसद के तौर पर परस्पर बातचीत में देशवासियों ने निरूपित किया है या कहिये चर्चित हुए |
   पलामू सीट आजादी के बाद १९६२ तक अर्थात तीन संसदीय चुनावो तक सामान्य श्रेणी का था ,लेकिन १९६७ से इस क्षेत्र को अनुसूचित जाति के लिये यह आरक्षित वर्ग में है | अबतक हुए चुनावों में मात्र दो ही महिला उम्मीदवार यहाँ से लोक सभा में पहुंची | इसमें एक स्वतंत्र पार्टी एक शशांक मंजरी देवी और कांग्रेस के कमला कुमारी हैं | इतफाक से दोनों सांसद मूल रूप से पलामू के नहीं थे | इसमें एक क्रमश: हजारीबाग और दूसरा रांची के रहने वाले थे |
   इस दफे हो रहे चुनाव में इस क्षेत्र से तेरह प्रत्याशियों के बीच चुनावी संघर्ष है | इसमें मुख्य मुकाबले में भाजपा ,झाविमो और राजद के उम्मीदवार हैं | ऐसे , सांसद कामेश्वर बैठा दल बदल कर तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं ,जिसके अब कोई मतलब मौजूदा चुनावी जंग में नहीं प्रतीत है |
   पलामू में १९२८ मतदान केन्द्रों के बीच १६ लाख १८ हजार ९४७ मतदाताओं के समक्ष प्राय सभी प्रत्याशी "वोटो के भिक्षाटन" में  भिड़े हैं | इसमें पहली बार राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक विष्णु दयाल राम भाजपा की तरफ से चुनाव मैदान में हैं | इन्हें अपनी जीत का झंडा गाड़ने के लिये चार पूर्व सांसदों से कड़ी चुनौती है | इसमें घुरन राम , मनोज कुमार भुइयां , कामेश्वर बैठा और जनता दल (यूनाइटेड) के  जोरावर राम हैं | पलामू लोक सभा क्षेत्र में छ विधान सभा के इलाके समाहित हैं | इसमें डालटनगंज , भवनाथपुर  और विश्रामपुर में कांग्रेस के क्रमश: कृष्णानंद त्रिपाठी , अनंत प्रताप देव और चंद्रशेखर दुबे( अब तृणमूल कांग्रेस) काबिज हैं| साथ ही , हुसैनाबाद  में राजद के विधायक संजय सिंह यादव की शक्ति है | इससे परिलक्षित है कि संप्रग खेमे से राजद उम्मीदवार का पलड़ा अन्य से भारी है | इस सन्दर्भ में सबसे दिलचस्प हालात भाजपा की है ,जहाँ पलामू में एक भी विधायक किसी भी सीट पर मौजूद नहीं हैं ,बावजूद सभी का मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार से ही है | अपवाद यह कि विश्रामपुर के विधायक चंद्रशेखर दुबे ,कांग्रेस से इस्तीफा देकर खुद धनबाद लोक सभा क्षेत्र में टीएमसी के उम्मीदवार हैं जिससे इस क्षेत्र के बैठा की

 उलझन बढ़ गई हो तो आश्चर्य नहीं | छत्तरपुर से जड़(यू) की विधायक सुधा चौधरी और गढ़वा में झाविमो के विधायक सत्येन्द्र तिवारी के ताकतों का सहारा इनके पार्टियों के प्रत्याशियों को प्राप्त तो है ,मगर यह शक्ति कितने दूर तक जा पाती है ,इसका खुलासा तो १६ मई को ही हो सकेगा | 

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