Monday, 13 June 2022

नामधारी:सियासत से तौबा नहीं!

    ●राजनीति से मतलब नहीं, मगर चाल सियासती से परहेज नहीं●

वह " कुटिल चाल " चल कर भी ख़ुद को ' राजनीति से सन्यास " लिए हुए कहते हैं और क्रिया- कलाप ऐसी कि , उनके हर कदम - बात सियासत से लबरेज़ होती है, जी हां,,,, बात हो रही है पूर्व स्थानीय (डालटनगंज) के इंदर सिंह नामधारी की, जो यहां से एक अंतराल को छोड़ कर लगातार पांच दफे विधायक बने, यही नहीं लोकसभा में एक बार चतरा से बैठने का मौका भी मिला।

          बहरहाल, खबर है कि, वह अगले कुछ दिनों के भीतर पलामू के प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौबे के समक्ष धरना देंगे और यह धरना भी इस मांग के लिए कि, ' एक ब्राह्मण परिवार " को अदालत में पैरवी के लिए वकील नहीं मिल रहा, क्योंकि पलामू जिला अधिवक्ता संघ ने एक महिला अधिवक्ता के साथ हुई एक मारपीट को लेकर हमलावर पक्ष की तरफ से किसी वकील को पैरवी करने से मना कर रखा है ।

             सवाल है कि, ब्राह्मण शब्द का प्रयोग नामधारी ने क्यों किया? क्या अन्य समुदाय के लोग अधिवक्ता संघ के निर्णय से पीङित नहीं हैं! हाल ही में उक्त हित समूह ने एक दलित सामाजिक/राजनीतिक कार्यकर्ता शत्रुघ्न कुमार 'शत्रु' के पक्ष में न्यायालय में पैरवी करने से अपने सदस्यों पर रोक लगा दी है,,, इस पर नामधारी की नजर क्यों नहीं पङी? जबकि वह एक ' प्रबुद्ध क्रियाविद् ' समझे जाते हैं!!

               दरअसल, नामधारी राजनीति के एक सयाने खिलाङी हैं, वह जानते हैं कि, डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र में शुरू से ब्राह्मण राजनीति एक कोण से प्रभावी रही है और यह कांटा उनके पुत्र दिलिप सिंह नामधारी के राह का एक जबरदस्त रोङा है, जिसे साथ लिए बगैर चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल है । ऐसे में ब्राह्मण परिवार शब्दावली के खास मायने हैं, जिसे उन्होंने अपने रणनीतिक हिसाब से इस्तेमाल की है ।

                एक बात और, वह यह कि, हाल में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का एक न्यायिक मामले में मेदिनीनगर आगमन हुआ था, लालू- नामधारी मुलाकात के पूर्व झारखंड में राजद कोटे से मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता उनसे भेंट करने उनके आवास गये थे और जब परिसदन में पत्रकारों ने इस मुलाकात के बाबत राजनीति के परिप्रेक्ष्य में सवाल किया, तब उनका मासूमियत भरा जवाब था-" मैं तो राजनीति से सन्यास ले चुका हूँ ।"

       अतएव, साफ़ है कि, नामधारी जीवन के अंतिम पङाव में अपने बेटे दिलीप के रास्ते में पङने वाले कील-कांटे को दुरुस्त करने में जी-जान से भिङ गये हैं ‼

No comments:

Post a Comment